इन भैसों ने वो कर दिया जो आजतक कोई नहीं कर पाया !!!
आजकल भभुआ के चकबंदी गली में शिक्षकों का हल खुदरा दुकान के जैसा हो गया है। वो लोग बच्चों को लुभाने के लिए आजकल किसी भी हद तक जाने को तैयार है। भभुआ के स्टार शिक्षकों का हल ये है की आज उनके पास बच्चे जा नहीं रहे है और वो बच्चों को बुलाने के लिए अपनी फीस काफी काम कर दिए हैं। स्थिति ऐसी है की बच्चों को अलग से बुला कर उन्हें बहलाया फुसलाया जाता है ताकि वो उनके जाल में फंस जाएँ । कहा जाता है की शिक्षक बच्चों को सही मार्गदर्शन देते है लेकिन यहाँ तो तस्वीर कुछ और ही है खुद शिक्षक ही बच्चों जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते है। गांव -गांव जा कर मैट्रिक के शिक्षकों को महंगे - महंगे गिफ्ट तथा कमिशन दे कर बच्चों को अपने तरफ आकर्षित कर लेते है और मेधावी छात्रों का भविष्य बर्वाद कर देते है। वैसे तो ये हालत हर जगह ऐसा ही है लेकिन अगर बच्चों के अभिभावक सजग रहें और बच्चों को भी ऐसे दलालों के बारे में पता हो तो उनको ऐसे धोखेबाजों से बचाया जा सकता है। ओरिजिन मैथ क्लासेज का मानना है की शरकार को एक कानून बनाना चाहिए की यदि 2 -3 महीने पढ़ने के बाद यदि बच्चों को लगे की उनको पढाई समझ में नहीं आ रही है तो संसथान को पूरा फीस वापस करना पड़ेगा ताकि उनका समय और पैसा दोनों बच जाये तथा फर्जीवाड़ा को रोका जा सके।
हिंदुस्तान न्यूज़ पेपर ने भी इस फर्जीवाड़ा का पोल खोलने की कोसिस की थी जिसकी coppy attached है आप खुद चेक कर लें.
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